प्रस्तर पेण्टिंग्स अलग अलग समूहों में वर्गीकृत हो सकती हैं

शिकार के दृश्य :

  • भीमबेटका में विशेषतः लखाज्वार विभाग में ऐसे बहुत मिलते हैं ।
  • यहाँ गाय, भैंस, सांड, मोर रिनो आदि के शिकार के चित्र देखे जा सकते हैं । एक चित्र तो वहुत ही आकर्षक है जिसमें शिकारी पेड पर बैठे मोर पर निशाना साध रहा है ।
  • दूसरा चित्र – जिसमें शिकारी सींगवाला हेलमेट पहनकर किसी जानवर का शिकार कर रहा है ।
  • II में एक चित्र है जिसमें एक भैंस को कई लोगों ने घेरा है और शिकार कर रहे हैं।
  • एक अन्य चित्र मे एक जानवर का कई कुत्ते पीछा कर रहे हैं और शिकारी धनुष बाण लिये निशाना साध रहा है ।

युद्ध के दृश्य :

  • ये चित्र ऐतिहासिक काल के हैं जिसमें लोग घोडोंपर हाथियोपर सवार होकर लडाई के लिए जा रहे हों ।. लोग हथियार लेकर पैदल भी जाते हैं ।
  • हथियार लिये लोगों के दो समूह लडाई के मैदान में आमने सामने खड़े हैं ।
  • II B – 32 में योद्धा हाथीपर सवार हैं और हाथ में हथियार लिये दूसरे से लड रहा है ।
  • एक समूह में एक हाथीपर एक महावत और एक योद्धा हैं । योद्धा के हाथ में भाला है, धनुष बाण हैं, तलवार वगैरह है ।
  • एक आश्रय में एक चित्र में गुप्त कालीन अश्वमेध यज्ञ का चित्रण है । घोडा आगे है और पीछे राजा की सेना है और दूसरी तरफ दूसरी सेना घोडे को रोकने का प्रयत्न कर रही है |

पक्षी पशु और जलचर :

  • चित्रित पशुओं में शेर, हाथी, घोडा, हिरन, कृष्णसारमृग, गाय,बंदर, जंगली सूअर, भैंस आदि
  • पक्षियों में मोर
  • जलचर में मछलियाँ |
  • Boar Rock Shelter में तकरीबन एक मीटर लंबा सूअर लाल रंग में रंगा है |

मानव चित्र :

  • एक महिला उसकके सामने खडे एक व्यक्ति का सहारा लिये खडी है । इस चित्र खोज RR Brooks ने की ।
  • दूसरे चित्र में एक आदमी मधुमक्खी के छत्तेसे शहद निकालते हुए दिखाया है |
  • II f – 14 में एक व्यक्ति एक बर्तन से पानी पीते हुए दिखाया है. और बारीकी तो यह है कि पेटपरसे पानी टपकता दिखायी देता है ।
  • लोग हाथ पकड़कर नाचते हैं ।

Dance :

  • Several shelters are painted with dancing figures – preliminary group dances.
  • People dancing holding hands

धार्मिक विधी :

  • सांडों के पैर टोकरी में अटक जाते हैं ।
  • सहाथों के चित्र – रेखा चित्र या पूरी तरह से रंगीन
  • सहाथ ऊपर उठाकर नाचती हुई मनुष्य की आकृत्याँ
  • सपूजासे संबंधित कुछ संकेत.

शिलालेख :

ये दो प्रकार के

  • तेजाब आदि से कुरेदे हुए
  • रंगे हुए

ये बहुतायत से शुंग और गुप्त काल के हैं ।

बहुत शिलालेखों में शंख लिपी का उपयोग है ।

यहाँ करीब करीब २० लेख हैं जो लाल रंगमें हैं ।

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